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    October 01, 2025

    एम्स जोधपुर में मेडिकल इतिहास: हरलाल के कटे हाथों का सफल प्रत्यारोपण, खुशियों की वापसी

    खिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जोधपुर ने चिकित्सा जगत में एक और उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। यहां प्लास्टिक सर्जरी, ट्रॉमा सर्जरी और ऑर्थोपेडिक्स विभागों की संयुक्त टीम ने 28 वर्षीय युवक हरलाल के कटे हुए दोनों हाथों का सफल प्रत्यारोपण कर उसे नया जीवन दिया। ऑपरेशन के बाद हरलाल की स्थिति तेजी से सुधर रही है और उम्मीद जताई जा रही है कि वह जल्द ही अपने दोनों हाथों से सामान्य कार्य करने लगेगा।

    18 सितंबर की सुबह हरलाल एक गंभीर सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया था। हादसे में उसका दायां हाथ लगभग पूरी तरह से कट गया था, जबकि बाएं हाथ में हड्डियों, नसों और धमनियों को गहरी चोट पहुंची थी। प्रारंभिक इलाज बाड़मेर जिला अस्पताल में किया गया, जिसके बाद उसे बेहतर उपचार के लिए एम्स जोधपुर रेफर किया गया। यहां ट्रॉमा सेंटर में हालत स्थिर करने के बाद तुरंत ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया।

    डॉ. प्रकाश चंद्र काला (प्रमुख, प्लास्टिक सर्जरी विभाग) के नेतृत्व में करीब 10 से 12 घंटे तक चली जटिल शल्यक्रिया में माइक्रोस्कोप की मदद से खून की महीन नसों को जोड़ा गया, हड्डियों और टेंडन की मरम्मत की गई। इस सर्जरी में ट्रॉमा, प्लास्टिक, ऑर्थोपेडिक्स और एनेस्थीसिया विभाग के विशेषज्ञों ने बेहतरीन टीम वर्क का प्रदर्शन किया। नर्सिंग स्टाफ ने भी अहम भूमिका निभाई।

    ऑपरेशन के दसवें दिन मरीज की स्थिति पूरी तरह स्थिर है। दाएं हाथ की उंगलियों में रक्त संचार सामान्य हो गया है और फिजियोथेरेपी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। चिकित्सकों का कहना है कि हरलाल अगले 3 से 4 सप्ताह में सामान्य कार्य करने में सक्षम हो जाएगा। एम्स जोधपुर की आधुनिक माइक्रोसर्जरी तकनीक और विशेषज्ञ फैकल्टी की बदौलत यह सफलता संभव हो सकी। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार यह उपलब्धि साबित करती है कि यदि समय पर समन्वित इलाज मिले तो गंभीर रूप से घायल मरीज न केवल जीवन पा सकता है बल्कि अपने अंग भी सुरक्षित रख सकता है।

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