मोबाइल नेटवर्क की दुनिया पिछले एक दशक में जितनी तेजी से बदली है, उतनी शायद ही किसी और तकनीक ने देखी हो। 4G ने जहां लोगों को वीडियो स्ट्रीमिंग और ऑनलाइन गेमिंग जैसी सुविधाएं दीं, वहीं 5G ने रियल-टाइम कनेक्टिविटी, तेज डाउनलोड और स्मार्ट डिवाइसों की नई क्रांति शुरू की। अब 6G की तैयारी इस बात का संकेत है कि आने वाला दौर सिर्फ तेज नहीं, बल्कि और भी स्मार्ट, सुरक्षित और भविष्य को जोड़ने वाला होगा। आइए जानते हैं तीनों तरह की मोबाइल नेटवर्क टेक्नोलॉजी में मिलने वाले इंटरनेट स्पीड में कितना अंतर आया है।
4G: इंटरनेट को मोबाइल तक पहुंचाने वाला नेटवर्क
4G यानी “फोर्थ जनरेशन नेटवर्क” ने इंटरनेट उपयोग को पूरी तरह बदल दिया। 3G के मुकाबले 4G ने स्पीड को 10 गुना तक बढ़ाया। इससे वीडियो कॉलिंग, हाई डेफिनिशन स्ट्रीमिंग, ऑनलाइन गेमिंग और मोबाइल पर तेज डाउनलोड संभव हुआ। 4G नेटवर्क की औसत स्पीड 20 से 100 Mbps तक होती है, जिससे यूजर्स को बिना रुकावट कंटेंट देखने का अनुभव मिला। भारत में Jio और Airtel जैसे टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने 4G के विस्तार में बड़ी भूमिका निभाई।
5G: सुपरफास्ट इंटरनेट और स्मार्ट कनेक्टिविटी का युग
5G नेटवर्क को 4G का अगला और सबसे बड़ा अपग्रेड माना जाता है। इसकी स्पीड 4G से लगभग 10 गुना ज्यादा (1 से 10 Gbps तक) होती है। 5G की सबसे बड़ी खासियत इसकी लो लेटेंसी है, यानी डिवाइस और सर्वर के बीच डेटा ट्रांसफर में बहुत कम समय लगता है। इस टेक्नोलॉजी से स्मार्ट सिटी, स्वचालित वाहन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और रियल-टाइम हेल्थ मॉनिटरिंग जैसी नई संभावनाएं खुली हैं। भारत में 5G सेवाएं 2022 के बाद शुरू हुईं और धीरे-धीरे देशभर में विस्तार पा रही हैं।
6G: भविष्य की टेक्नोलॉजी जो बदलेगी पूरी कनेक्टिविटी की परिभाषा
अब दुनिया 6G की तैयारी में जुटी है। माना जा रहा है कि 6G, 5G से 50 से 100 गुना तेज होगा। इसकी संभावित डाउनलोड स्पीड 100 Gbps तक हो सकती है, जिससे एक हाई-क्वालिटी मूवी सेकंडों में डाउनलोड की जा सकेगी।
6G में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सैटेलाइट इंटरनेट और होलोग्राफिक कम्युनिकेशन जैसी उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल होगा। इसका उद्देश्य सिर्फ डेटा ट्रांसफर नहीं, बल्कि इंसान, मशीन और डिजिटल दुनिया के बीच रियल-टाइम कनेक्शन बनाना है। 6G नेटवर्क से दूरदराज के इलाकों में भी हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराया जा सकेगा।