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    October 11, 2025

    डेंगू को हल्के में लेना महंगा पड़ सकता है, लिवर और किडनी तक हो सकते हैं फेल

    सितंबर और अक्तूबर का महीना हर साल दिल्ली-एनसीआर के लिए स्वास्थ्य चुनौती बनकर आता है। इन महीनों में मच्छरों के कारण होने वाली बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ जाता है और इस साल भी स्थिति गंभीर बनी हुई है।

    हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले महीने से वेक्टर जनित बीमारियों में उछाल आया है। नोएडा में डेंगू के 430 और मलेरिया के 169 मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले दो हफ्तों में डेंगू के 110 नए केस सामने आए हैं। गाजियाबाद में भी हालात गंभीर हैं — डेंगू के 178 और मलेरिया के 83 मामले रिपोर्ट हुए हैं।

    स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सितंबर में हुई बारिश और अगस्त में बाढ़ जैसी स्थिति के कारण मच्छरों की संख्या बढ़ी है, जिससे इन रोगों का खतरा सभी उम्र के लोगों में बढ़ गया है।

    डेंगू के गंभीर मामले: मल्टी-ऑर्गन फेलियर का खतरा

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस सप्ताह नोएडा में डेंगू से एक अधिकारी की मौत हो गई। उन्हें डेंगू के बाद मल्टी-ऑर्गन फेलियर की समस्या हुई थी। डॉक्टरों का कहना है कि हल्के मामलों में डेंगू ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मरीजों में यह जीवन के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।

    डेंगू एडीस एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है, जो दिन में अधिक सक्रिय रहते हैं। वायरस शरीर में पहुंचकर ब्लड सेल्स और इम्यून सिस्टम पर हमला करता है। शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, और हल्के लाल दाने शामिल हैं।

    गंभीर डेंगू में क्या हो सकता है?

    डेंगू के गंभीर मामलों में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घटने लगती है, जिससे ब्लीडिंग शुरू हो सकती है। इसे डेंगू हेमोरेजिक फीवर या डेंगू शॉक सिंड्रोम कहा जाता है। वायरस शरीर में फैलने पर सिर्फ खून ही नहीं बल्कि लीवर, किडनी, हृदय और मस्तिष्क जैसे अंगों को भी प्रभावित करता है।

    विशेषज्ञ बताते हैं कि मल्टी-ऑर्गन डिसफंक्शन सिंड्रोम डेंगू शॉक सिंड्रोम में आम है। इसके कारण रक्त वाहिकाओं से रिसाव होता है, जिससे अंगों का फेल होना संभव है। लक्षणों में शामिल हैं:

    • मानसिक स्थिति में बदलाव
    • श्वसन संबंधी परेशानी
    • गंभीर हाइपोटेंशन
    • किडनी और लिवर फेलियर

    सावधानी और बचाव

    डेंगू से बचने के लिए विशेष सतर्कता की जरूरत है:

    • दिन में मच्छरों से बचाव के उपाय अपनाएं
    • घर में पानी जमा न होने दें
    • अगर बुखार या अन्य लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
    • हल्के लक्षणों को नज़रअंदाज न करें

     

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