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    October 13, 2025

    लाइफस्टाइल बदलें और समझें शरीर की भूमिका: आर्थराइटिस का खतरा बढ़ा सकती हैं ये आदतें

    हड्डियों और जोड़ों में दर्द अब केवल उम्रदराज लोगों तक सीमित नहीं रहा। अस्वस्थ जीवनशैली, अनियमित दिनचर्या और गलत खानपान ने युवाओं में भी आर्थराइटिस के खतरे को बढ़ा दिया है। अगर आपको अक्सर जोड़ों में दर्द या जकड़न महसूस होती है, तो समय रहते इसका इलाज कराना जरूरी है। अनदेखी से ये लक्षण भविष्य में गंभीर परेशानियों का कारण बन सकते हैं।

    रूमेटाइड आर्थराइटिस: जब शरीर ही जिम्मेदार

    जब आर्थराइटिस की बात होती है, तो आमतौर पर लोग शारीरिक निष्क्रियता, व्यायाम की कमी या कैल्शियम और विटामिन-डी की कमी को कारण मानते हैं। हालांकि, कुछ प्रकार के आर्थराइटिस में शरीर खुद ही दोषी होता है। रूमेटाइड आर्थराइटिस ऐसा ही ऑटोइम्यून रोग है, जिसमें शरीर की रोग-प्रतिरोधक प्रणाली गलती से अपने ही जोड़ों पर हमला करती है।

    आंकड़े बताते हैं कि 25 से 40 साल के युवाओं में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। शुरुआती लक्षण आम तौर पर सामान्य दर्द या थकान की तरह महसूस होते हैं, लेकिन समय के साथ यह दोनों तरफ के समान जोड़ों को प्रभावित कर सकता है।

    वर्ल्ड आर्थराइटिस डे और जागरूकता

    हर साल 12 अक्टूबर को वर्ल्ड आर्थराइटिस डे मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को गठिया रोग के बारे में जागरूक करना और इसके रोकथाम के उपाय बताना है। विशेषज्ञों के अनुसार समय पर पहचान और सही इलाज से रूमेटाइड आर्थराइटिस के लक्षणों को कम किया जा सकता है।

    रूमेटाइड आर्थराइटिस के लक्षण और असर

    • जोड़ों में सूजन, दर्द और जकड़न
    • धीरे-धीरे हड्डियों की कमजोरी
    • हाथ, पैर, कलाई, घुटने और टखनों में समस्या
    • कारक: आनुवंशिकी, पर्यावरण, अस्वस्थ खानपान, धूम्रपान, तनाव और गड़बड़ जीवनशैली।

    रोकथाम और जीवनशैली सुधार

    • रूमेटाइड आर्थराइटिस पूरी तरह रोका नहीं जा सकता, लेकिन खतरे को कम किया जा सकता है:
    • आहार में सुधार: ओमेगा-3 फैटी एसिड, हरी सब्जियां, फल और एंटीऑक्सीडेंट युक्त भोजन
    • नियमित योग, स्ट्रेचिंग और शारीरिक गतिविधि

    धूम्रपान और शराब से दूरी

    संतुलित जीवनशैली और सही आदतों के माध्यम से जोड़ों की लचक और स्वास्थ्य बनाए रखना संभव है। समय रहते सावधानी और उपचार से दर्द और सूजन को नियंत्रित किया जा सकता है।

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